Monday, March 20, 2017

तो बुरा लग गया|

वो खेलते रहे हमारे दिल से,
हमने एक खेल खेला तो बुरा लग गया|
झेले थे हमने गम उनके खातिर,
उन्होने एक झेला तो बुरा लग गया||0||

यूँ  तो तन्हाइयों में काटी  थी,
तमाम उम्र  हमने उनके प्यार  में,
जो दो पल महका हमारे दर पर,
खुशियों का मेला तो बुरा लग गया||1||

हमने तो दिए थे वफ़ा के सहारे,
मगर उसने मारी ठोकर बेवफ़ाई की,
काँटों भारी अंधेरी राहों पर जब,
चलना पड़ा अकेला तो बुरा लग गया||2||

उनकी हर उम्मीद को सजाया
सर-ओ-ताज पर गुलाम की तरह,
जज़्बात-ए-दिल का सुनाया ‘गगन’ ने,
एक ढेला तो बुरा लग गया||3||

वो खेलते रहे हमारे दिल से,
हमने एक खेल खेला तो बुरा लग गया|
झेले थे हमने गम उनके खातिर,
उन्होने एक झेला तो बुरा लग गया||4||

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