बेइंतहा ज़ख़्मों का ईनाम
दे गयी|
जिंदा हस्ती को मौत का
नाम दे गयी|
रोशन की थी उसकी सुबहें
मैनें,
बदले में वो, वीरानी शाम
दे गयी|
एकलोता दिल था उसे बसने
को,
ज़ालिम; किरायी कमरे का
नाम दे गयी|
थोड़ी वफ़ा की आरजू रखी
थी 'गगन' ने,
बेवफ़ाई का तमाचा सरेआम
दे गयी|
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