कोई तो रंग
चढ़ा दे मुझ पर ए खुदा,
इस रंगीन
दुनिया में, बेरंग जीना मुश्किल है!!
कुछ लफ्ज़
है उधड़े हुए अल्फाज़ों के साथ,
सुरों के
धागों से इन्हे सीना मुश्किल है!!
आरामी से
गुज़रता है सर्द-जाड़ों का मौसम,
हाय! ये
बेदर्द सावन का महीना मुश्किल है!!
तन्हाईयाँ
ले जाती है मुझे मैखाने की ओर,
बेरंग दर्द-ए-दिल
के शराब पीना मुश्किल है!!
चढ़ा दे
इश्क़ का कुदरती रंग 'गगन' पर,
बिना रहगुज़ार
साथी के जीना मुश्किल है!!
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