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सर्द
सूरज की किरणें बिखर आई है,
तेरे
हुस्न की खुशबू ये हवाएँ लाई है|
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गुलाब
भी जलें है तेरी आभा देखकर,
जाने
कौनसी प्रभा बगियों में लाई है||
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सरकायी
जब जुल्फे बालियों के पीछे,
ये
अदा देख, सारी कलियाँ शरमाई है||
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कौनसा
गुलाब दू आज की दिन तुझे,
हर
रंग के गुलाब में बस तू समाई है||
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कैसे
कर पाऊँगा तेरे अक्स को क़ैद,
तू
तो गगन की ही गुलाबी परछाई है||
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गगन 'रज'
This is very amazing .........poem.
ReplyDeleteBeautiful way of describing a person's beauty and your love for that person......