Tuesday, February 6, 2018

गुलाबी परछाई



🌹
सर्द सूरज की किरणें बिखर आई है,
तेरे हुस्न की खुशबू ये हवाएँ लाई है|
 🌹
गुलाब भी जलें है तेरी आभा देखकर,
जाने कौनसी प्रभा बगियों  में लाई है||
 🌹
सरकायी जब जुल्फे बालियों के पीछे,
ये अदा देख, सारी कलियाँ शरमाई है||
 🌹
कौनसा गुलाब दू आज की दिन तुझे,
हर रंग के गुलाब में बस तू समाई है||
 🌹
कैसे कर पाऊँगा तेरे अक्स को क़ैद,
तू तो गगन की ही गुलाबी परछाई है||

🌹
- गगन 'रज'

1 comment :

  1. This is very amazing .........poem.
    Beautiful way of describing a person's beauty and your love for that person......

    ReplyDelete