Monday, February 12, 2018

तेरी नज़दीकियों का असर है

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तेरी नज़दीकियों का असर है|
जो मेरा साया भी गमों से बेख़बर है||
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कुदरत का हुनर तूने पाया है|
तेरी बाहों में जहां का सुख समाया है||
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तेरी चाहतों से मेरा दिन खिलता है|
तू कभी बाहों तो कभी पनाहों में मिलता है||
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समा ले गगन को तू ज़मीं बनकर|
बस यही आरज़ू रहेगी अब ज़िंदगी भरतक||
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