दर्द कहाँ है, दवा कहाँ है|
कातिल ही पुंछ रहा है, वार हुआ कहाँ है|
यूँ ही आँखे झुका ली तुमने,
अभी तो नज़रे मिली है, इज़हार हुआ कहाँ है||
मज़े के लिए सब्र रख थोड़ा,
अभी इश्क़ - ए - जुनून, सवार हुआ कहाँ है||
तुम तो अभी से ही रो दिए,
गुस्ताखियों का पलट-वार हुआ कहाँ है||
सारे गहने पहने फिर भी,
तेरी सादगी का असल शृंगार हुआ कहाँ है||
फिर नाज़ुक अदाओं से सज जा,
अंदाज़-ए-नज़ाकत बेकार हुआ कहाँ है||
फिर एक पल की इज़ाज़त दे दे,
ये शुरूवात थी, बाकी प्यार हुआ कहाँ है||
- गगन 'रज'
कातिल ही पुंछ रहा है, वार हुआ कहाँ है|
यूँ ही आँखे झुका ली तुमने,
अभी तो नज़रे मिली है, इज़हार हुआ कहाँ है||
मज़े के लिए सब्र रख थोड़ा,
अभी इश्क़ - ए - जुनून, सवार हुआ कहाँ है||
तुम तो अभी से ही रो दिए,
गुस्ताखियों का पलट-वार हुआ कहाँ है||
सारे गहने पहने फिर भी,
तेरी सादगी का असल शृंगार हुआ कहाँ है||
फिर नाज़ुक अदाओं से सज जा,
अंदाज़-ए-नज़ाकत बेकार हुआ कहाँ है||
फिर एक पल की इज़ाज़त दे दे,
ये शुरूवात थी, बाकी प्यार हुआ कहाँ है||
- गगन 'रज'
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