Wednesday, May 9, 2018

प्यार हुआ कहाँ है

दर्द कहाँ है, दवा कहाँ है|
कातिल ही पुंछ रहा है, वार हुआ कहाँ है|

यूँ ही आँखे झुका ली तुमने, 
अभी तो नज़रे मिली है, इज़हार हुआ कहाँ है||

मज़े के लिए सब्र रख थोड़ा,
अभी इश्क़ - ए - जुनून, सवार हुआ कहाँ है||

तुम तो अभी से ही रो दिए,
गुस्ताखियों का पलट-वार हुआ कहाँ है||

सारे गहने पहने फिर भी,
तेरी सादगी का असल शृंगार हुआ कहाँ है||

फिर नाज़ुक अदाओं से सज जा,
अंदाज़-ए-नज़ाकत बेकार हुआ कहाँ है||

फिर एक पल की इज़ाज़त दे दे,
ये शुरूवात थी, बाकी प्यार हुआ कहाँ है||

- गगन 'रज'

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