अभिनव मन की आरत में,
जगमग प्यार की ज्योत जलाऊँ |
पुष्प समर्पित करती तुमको,
रोशन-रजनी के स्त्रोत सजाऊँ||
आज ऐसा करवा चौथ मनाऊँ
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विश्वास कलश का हाथ लिए,
तन-तपस्या का जल चढ़ाऊँ |
विपदा कभी ना आये तुमपर,
लम्बी आयु की आरत गाऊँ ||
आज ऐसा करवा चौथ मनाऊँ
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छलनी के पीछे से साजन,
दो क्षण का दर्शन मैं पाऊँ |
जैसी प्रीत मयंक संग रजनी,
ऐसी अपनी प्रीत मैं चाहूं ||
आज ऐसा करवा चौथ मनाऊँ
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प्रेम - प्याले भरे पानी
से, कर-कमलों से पीना चाहूं |
जीवन अर्पण हो चरणों में,
बदले में कोई सुख ना चाहूं ||
आज ऐसा करवा चौथ मनाऊँ
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