आखिरी खता
थोड़ा इश्क मुझे अता कर देना।
धोखा भी मुझे बता कर देना।।
तेरे गमों की आदत हो गई कदर।
खुशियां भी अब सता कर देना।।
ना है, ना था, ना होगा इश्क तुझे।
हुआ तो अहसान जता कर देना।।
चोटें सजी मेरे जहन-ओ-जिस्म पे।
कफ़न भी मुझे सजा कर देना।।
जहां वाकिफ है तेरे सारे गुनाहों से।
मुझे कत्ल कर आखिरी खता कर देना।।
Touched👍👌
ReplyDelete