Wednesday, September 13, 2017

तारीफ से कही ज़्यादा

तारीफ से कही ज़्यादा हसीं, हक़ीकत में है तू|
कैसे भूलू तुझे, हर सांस की ज़रूरत में है तू||
बड़े नाज़ुक से ख्वाब आते है रोज़ाना,
ना जगा मुझे, ख्वाबों की नज़ाकत में है तू||
ब्यान से परे है तेरी हर अदा की तक़रीर,
पाक दिल में बसी नादां मोहब्बत में है तू||
बनके खुशबू करती है सारे जहां की नुमाईश,
कभी ज़मीं तो कभी फलक की शोहबत में है तू||
चाहतें भी जवां होती है तेरी चाहतों से,
कैसे ना चाहूं, गगन की चाहत में है तू||